Lateral Entry भर्ती पर केंद्र सरकार का फैसला वापस; PM के आदेश पर UPSC को लेटर, कहा- रद्द किया जाए भर्ती विज्ञापन

Lateral Entry भर्ती पर केंद्र सरकार का फैसला वापस; PM के आदेश पर UPSC को लेटर, कहा- रद्द किया जाए भर्ती विज्ञापन

Central Government Cancel UPSC Lateral Entry Recruitments Update

Central Government Cancel UPSC Lateral Entry Recruitments

UPSC Lateral Entry Recruitments: लेटरल एंट्री सिस्टम के तहत केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों/मंत्रालयों में भर्ती को लेकर पनपे विवाद के बीच बड़ा फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री सिस्टम से होने वाली भर्ती रद्द कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC चेयरमैन प्रीती सूदन को लेटर लिखकर भर्ती रद्द करने को कहा है।

ज्ञात रहे कि, यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने हाल ही में 17 अगस्त को लेटरल एंट्री सिस्टम से संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसमें बिना IAS-PCS की परीक्षा दिए योग्य उम्मीदवार सीनियर अफसर बनते और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों/मंत्रालयों में नियुक्त होकर काम करते। लेकिन अब केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री भर्ती पर फैसला वापस ले लिया है।

ये था भर्ती लेटरल एंट्री भर्ती का विज्ञापन

UPSC Lateral Entry Recruitments

 

लेटरल एंट्री में आरक्षण लाने का विचार

लेटरल एंट्री की भर्ती में कोई आरक्षण नहीं होता है। इसको लेकर राजनीतिक बहस छिड़ गई थी। वहीं केंद्र सरकार की तरफ से यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) को जो लेटर लिखा गया है। उसमें कहा पीएम मोदी के अनुसार यह कहा गया है कि, लेटरल एंट्री की भर्ती में आरक्षण का प्रावधान नहीं है। जबकि भर्ती में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण का ध्यान रखा जाना चाहिए। मतलब केंद्र सरकार अब लेटरल एंट्री में आरक्षण लाने का विचार कर रही है। लेटरल एंट्री में OBC/SC/ST के लिए आरक्षण लाया जा सकता है।

केंद्र सरकार का लेटर

UPSC Lateral Entry Recruitments

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विपक्ष समेत सत्ता पक्ष के नेता भी थे विरोध में

लेटरल एंट्री की की सीधी भर्ती को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। राहुल गांधी और अखिलेश यादव समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने इस भर्ती के सामने आने के बाद अपना विरोध दर्ज करवाया था। वहीं विपक्ष सहित सत्ता के सहयोगी भी इसके ख़िलाफ़ दबाव बना रहे थे। नौकरशाही में लेटरल एंट्री से एक नई बहस शुरू हो गई थी। एनडीए सरकार के नेतास चिराग पासवना ओर केसी त्यागी भी लेटरल एंट्री के विरोध में बोल रहे थे।

क्या है लेटरल एंट्री?

लेटरल एंट्री को सीधी भर्ती भी कहा जाता है। इसमें उन लोगों को सरकारी सेवा में लिया जाता है, जो काफी माहिर और अनुभवी और योग्य होते हैं। ये IAS-PCS या कोई सरकारी कैडर से नहीं होते हैं। इन लोगों के अनुभव के आधार पर सरकार इन्हें नौकरशाही में तैनात करती है।

लेटरल एंट्री भर्ती रद्द करने पर क्या बोले तेजस्वी यादव?  

UPSC लेटरल भर्ती पर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "हमने इस मुद्दे को सबसे पहले उठाया। बीजेपी के लोग लेटरल भर्ती के बहाने आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं और संविधान के खिलाफ काम कर रहे हैं। वे किसी भी कीमत पर नहीं चाहते कि SC-ST समाज के लोग सचिवालय में बैठे बल्कि ये लोग चाहते हैं कि वे शौचालय में बैठे। बिना किसी परीक्षा और आरक्षण के IAS और IPS भर्ती हो जाएंगे। इसका मतलब संघ के लोगों की भर्ती करने का प्रयास किया जा रहा है।